मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने स्त्री रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों एवं उनके एसोशिएशन को जारी किया आदेश
जबलपुर। कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जबलपुर के द्वारा एक आदेश जारी किया गया है। जिसमें उन्होंने शासन के निर्देश का हवाला देते हुए बताया गया है कि प्रत्येक गर्भवती महिला की सिकलसेल, एनीमिया एवं थैलेसिमिया की स्क्रीनिंग कराना आवश्यक है। जिससे संतान में इस रोग का स्थानातंरण रोका जा सकें, यानि कि इस बीमारी का संतान आने के पहले जांच होने से पता चल सके, जिससे सिकलसेल, एनीमिया एवं थैलेसिमिया जैसी बीमारियों को जा सके।
इसके लिए कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जबलपुर के द्वारा अध्यक्ष आब्सट्रेटिक्स एंव गायनेकोलॉजी सोसायटी जबलपुर एवं अध्यक्ष फेडरेशन ऑफ गायनेकोलॉजी सोयायटी ऑफ इंडिया जबलपुर को आदेश का पत्र जारी कर कहा गया है कि आपके एसोसिऐशन से संबंधित प्रत्येक स्त्री रोग विशेषज्ञ / चिकित्सक को इस हेतु सूचित करने का कष्ट करें एवं उक्त रोगों से ग्रासित महिलाओं की उचित परामर्श एवं उपचार उपलब्ध करायें, ताकि सिकलसेल, एनीमिया एवं थैलेसिमिया जैसी बीमारियों को रोका जा सके।
थैलेसीमिया जनजागरण समिति लगातार कर रही है मांग:-
गौरतलब है कि थैलेसीमिया जनजागरण समिति जबलपुर मध्यप्रदेश के प्रयास से थैलेसीमिया एवं सिकलसेल जैसी बीमारी को रोकने हेतु अनेकों बार एनएचएम भोपाल एवं जबलपुर स्वास्थ्य विभाग को ज्ञापन देकर एचबीए2 की जांच को अनिवार्य करने की मांग लगातार की जा रही है। जिसके फलस्वरूप एनएचएम एवं संकल्प इंडिया फाउंडेशन के द्वारा इस जांच को अनिवार्य करने 2023 में निर्देश दिए गए, जिसका पालन न होने पर दोबारा 2024 में पुनः इन निर्देशों को जारी किया गया और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा भी इन निर्देशों को गायनिक सोसायटी तक पहुंचाया गया। सभी गायनिक डॉक्टर इस टेस्ट को अनिवार्य रूप से लिखे, इस संबंध के दिशा निर्देश जारी किए गए हैं, जिससे सिकलसेल, एनीमिया एवं थैलेसिमिया जैसी बीमारियों को बीमारियों को रोका जा सके।