हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: सहमति से शारीरिक संबंध, दुष्कर्म नहीं

Join Us

प्रयागराज , (आरएनएस)। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक केस की सुनवाई के दौरान कहा कि यदि लंबे समय से सहमति से शारीरिक संबंध हों तो उसे दुष्कर्म नहीं माना जा सकता। इस टिप्पणी के साथ न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता ने अभियुक्त श्रेय गुप्ता के खिलाफ मुरादाबाद के महिला थाना में दर्ज दुष्कर्म-लूट की प्राथमिकी तथा सत्र न्यायाधीश न्यायालय में विचाराधीन केस कार्रवाई को रद कर दिया है। याचिका धारा 482 सीआरपीसी के तहत दायर की गई थी। कोर्ट ने कहा, मौजूदा मामले में पीडि़ता विवाहित है। उसके दो बड़े बच्चे हैं। रिश्ते के समय उसका पति जीवित था, उसकी उम्र 26 साल थी।
प्रेम, वासना और मोह के कारण शारीरिक संबंध बनाया। करीब 12-13 साल तक लगातार ऐसी स्थिति में रही। यह जानते हुए भी ऐसे रिश्ते में प्रवेश किया जो व्याभिचार कहलाता है। इसलिए यह बहाना बेकार है कि याची ने उसके पति की मृत्यु के बाद शादी करने का वादा किया था। याची की उम्र कम है। वह पीडि़ता के पति के कारोबार में नौकर था।
पीडि़ता ने प्राथमिकी में आरोप लगाया था कि पति मधुमेह की वजह से चलने फिरने में असमर्थ थे। उन्होंने उसका परिचय आरोपित (याची) से कराते हुए उसे वफादार बताया था। आरोपित ने करीबी बढऩे पर कहा कि उसका पति बस कुछ दिन और जिंदा रहेगा।

Previous articleसुरक्षाबलों ने तोड़ी नक्सलियों की कमर, मुठभेड़ के दौरान 30 नक्सली ढेर; भारी संख्या में हथियार भी बरामद
Next articleमणिपुर-नागालैंड सीमा क्षेत्र में महसूस किए गए भूकंप के झटके