महासंघ का कहना नवाचार के रूप में तुगलगी फरमान का विरोध
सीहोर। महिला स्व सहायता समूह महासंघ के पदाधिकारियों ने शहर के लीसा टाकीज स्थित सीहोर विधायक कार्यालय में पहुंचकर लोकप्रिय विधायक सुदेश राय से भेंट कर नवाचार के रूप में तुगलगी फरमान का विरोध करते हुए कहा कि तत्काल हमारी मदद करे। महासंघ ने ज्ञापन में कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत सभी संभागों की एक-एक परियोजना की सभी आंगनबाडिय़ों पर भोजन नाश्ता बनाने और खिलाने का काम वहां पूर्व से गठित महिला स्व सहायता समूह से छीन कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को देने की योजना बनाई है। इसकी सूचना सामाचार पत्रों से मिल रही है। प्रांतीय महिला समूह संघ महिला बाल विकास विभाग द्वारा नवाचार के रूप में तुगलगी फऱमान का विरोध करता है। इस संबंध में घ्यान निम्न बिंदुओं के माध्यम से अवगत करा रहे हैं। इस व्यवस्था पर पुनर्विचार किया जाए क्योंकि 2007 से पहले आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका तदर्थ समिति के माध्यम से भोजन बनाकर बच्चों को खिलाती थी तब कार्यकर्ताओं पर सेक्टर सुपरवाइजरों तथा सीडीपीओ के माध्यम से इस योजना में फर्जीबाडा करने के आरोप खूब लगते थे, जिससे कुपोषण भी चरम पर पहुंच गया था। 2007 के बाद महिला स्व सहायता समूहों को जब से पोषण आहार की व्यवस्था सौंपी है तब से मध्य प्रदेश में कुपोषण ग्राफ तेजी से गिरा है। आंगनबाडिय़ों पर कार्यकर्ता सहायिकाओं से भोजन नाश्ता बनाने खिलाने की जिम्मेदारी देने से आईसीडीएस की वह गतिविधियां प्रभावित होगी जिसकी उम्मीद सरकार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से लगाए हुए हैं। अगर महिला स्व सहायता समूहों से आंगन बाड़ी के पोषण आहार का काम छीना गया तो लाखों की संख्या में मध्य प्रदेश में महिला स्व सहायता समूह से जुडे परिवार बेरोजगार हो जाएंगे जिससे सरकार की छवि महिला विरोधी और प्रदेश की जनता को बेरोजगारी में धकेलने वाली बन जाएगी। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा लिए गए तुगलगी और जन विरोधी निर्णय पर रोक लगाई जाए। अगर निर्णय पर पुनर्विचार नहीं किया गया तो पूरे प्रदेश में प्रांतीय महिला स्व सहायता समूह महासंघ से जुड़ी 12 लाख महिलाएं समूह संघ के इस महा हड़ताल पर बैठेगी एवं बैनर तले मध्यप्रदेश राजधानी भोपाल की सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे। इस मौके पर जिलाध्यक्ष रानी बाई, मथुरा प्रसाद गिरी, समूह अध्यक्ष अनीता बाई, प्रेम बाई, घनश्याम ठाकुर, ओमवती बाई, कमल सिंह, सुनीता कुशवाहा, सावित्री, ममता बाई, भगवती, कृष्णा, गायत्री, विद्या बाई और कृष्णा बाई आदि शामिल थी।