राज्यपाल ने सिकल सेल एवं टी.बी. उन्मूलन कार्यक्रमों की समीक्षा की
भोपाल( निप्र)। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि सिकल सेल जाँच के बाद वाहक अथवा बीमार व्यक्ति को काउंसलिंग कार्ड निश्चित समय में मिलने की व्यवस्था बनाई जाये। उन्होंने कहा कि सिकल सेल जाँच कार्य की गति के लिए संवेदनशील क्षेत्रों और समुदायों को चिन्हित कर जाँच का कार्य कराया जाये। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा है कि स्वास्थ्य कार्यक्रमों की चुनौतियों का पूरी ताकत और संवेदनशीलता के साथ किये जाये। निर्वाचन कार्यों से स्वास्थ्य कार्यक्रमों की गति रुके नहीं, इसकी अग्रिम कार्य-योजना बनाई जाये।श्री पटेल सिकल सेल एवं टी.बी. उन्मूलन कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक को राजभवन में संबोधित कर रहे थे। बैठक में जनजातीय प्रकोष्ठ के अध्यक्ष दीपक खांडेकर, अपर मुख्य सचिव लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मोहम्मद सुलेमान और राज्यपाल के प्रमुख सचिव डी.पी. आहूजा भी उपस्थित थे।राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि जनजाति बहुल क्षेत्रों के बड़े अस्पतालों में सिकल सेल के इलाज के लिए एक अलग विशेष वार्ड बनाया जाना चाहिए। वार्ड में सिकल सेल की जाँच और उपचार की एकीकृत व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की जानी चाहिए। स्वास्थ्य विभाग स्क्रीनिंग, कार्ड वितरण, उपचार आदि कार्यों की चरणबद्ध प्रभावी मॉनिटरिंग करें।
पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में भी तलाशें सिकलसेल का इलाज
राज्यपाल श्री पटेल ने गुजरात के 95 प्रतिशत जनजाति बहुल जिले डांग का उदाहरण देते हुए कहा कि वहाँ पर सिकल सेल रोग के कुछ सौ मरीज ही हैं। संभवत: वहाँ जड़ी-बूटी की व्यापक उपलब्धता, उनका वातावरण पर प्रभाव और समुदाय के पारंपरिक जड़ी-बूटी के ज्ञान का प्रभाव हो सकता है। उन्होंने होम्योपैथी के चिकित्सकों द्वारा औषधि की सफलता की जानकारी भी दी और विभाग को इसके लिये शोध और अनुसंधान के प्रयास करने के लिए कहा।