भोपाल (आरएनएस)। मध्यप्रदेश में नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में जमीनी स्तर पर बदहाली भी सामने आ रही है। मध्य प्रदेश के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री बृजेन्द्र सिंह यादव के गृह जिले अशोकनगर की गृह ग्राम पंचायत सुरेल में लोग त्रस्त हैं। पानी नहीं मिल रहा है। दो-दो किलोमीटर दूर से पानी भरकर ला रहे हैं। यह बात जब मंत्री को बताई तो बोले कि मुझे तो कभी ग्रामीणों ने शिकायत नहीं की। बताते तो एक मिनट में समस्या हल कर देता।
सुरेल ग्राम के हरिओम यादव का कहना है कि नल से पानी नहीं आता। आता भी है तो आठ दिन में एक बार। कभी एक महीना में एक बार। ज्यादातर जगहों पर कनेक्शन तक नहीं हुए हैं। मंत्री जी के बाड़े में टंकी बनी हुई है, वहां से ही पानी की सप्लाई होती है। मंत्री ने चुनाव को देखकर गांव के लोगों के कूपन बनाने शुरू किए हैं। फॉर्म भरने को कहा है। ट्यूबवेल लगवाने को कहा, लेकिन नहीं बनवाए। ग्रामीणों का कहना है कि यहां के नेताओं के दोनों हाथ में लड्डू है। जिधर फायदा मिलता है, वहां का हो जाता है। ग्राम रामपुर के राम रावत का कहना है कि गांव में ढाई सौ से अधिक घर है। पीने का पानी भरने दूर जाना पड़ता है। नल नहीं लगे हैं। ट्यूबवेल का पानी सूख जाता है तो दो किलोमीटर दूर नदी से पानी लाते हैं। रामपुर की एक आदिवासी बुजुर्ग महिला ने बताया कि हमें ट्यूबवेल से पानी भरकर लाना पड़ता है। घरों में नल नहीं लगे हैं। गर्मियों में दिक्कत होती है। इस बार तो बारिश में भी पीने के पानी की दिक्कत हो रही है। नेता वादे कर भूल गए। सखी बाई नायक ने कहा कि बहुत दूर से पानी लाते हैं। ट्रेक्टर और बैलगाड़ी की मदद लेनी पड़ती है। बच्चे-बच्चियां तो दो-दो दिन तक पानी न होने की वजह से नहा नहीं पाते। छात्रा प्रियंका ने बताया कि पानी की वजह से स्कूल नहीं जा पा रहे। 10-12 हैंडपम्प हैं, लेकिन ज्यादातर सूखे पड़े हैं। चलते नहीं है।
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