मानसून रूठा तो सूरज ने आंखें तरेरी, 18 शहरों में तापमान 34 डिग्री के पार

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भोपाल (आरएनएस)। मानसून की बेरुखी के चलते बादल छंट गए हैं। आसमान साफ रहने से अब धूप के तेवर तीखे होने लगे हैं। इसी क्रम में शुक्रवार को प्रदेश में सबसे अधिक 37.4 डिग्री सेल्सियस तापमान ग्वालियर में दर्ज किया गया। 18 शहरों में अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस से अधिक रिकार्ड किया गया। गर्मी बढऩे से खरीफ की फसलों के सूखने का खतरा मंडराने लगा है। वर्षा की आस में आसमान ताक रहे किसानों के लिए राहत भरी खबर भी है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक तीन सितंबर को बंगाल की खाड़ी में चक्रवात बनने जा रहा है। उसके असर से पांच सितंबर से एक बार फिर रुक-रुककर वर्षा होने का सिलसिला शुरू हो सकता है। उसके पहले कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं।मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी एसएन साहू ने बताया कि वर्तमान में पूर्वी उत्तर प्रदेश और उससे लगे बिहार पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। दक्षिणी छत्तीसगढ़ पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात मौजूद है। उत्तर-पूर्वी बंगाल की खाड़ी में भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इस वजह से मिल रही नमी के कारण प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर गरज-चमक के साथ छिटपुट वर्षा होने की संभावना बढ़ गई है। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि मानसून द्रोणिका का पूर्वी एवं पश्चिमी दोनों छोर हिमालय की तलहटी में पहुंच गए हैं। इस वजह से मानसून ब्रेक की स्थिति बन गई है। वातावरण में नमी कम होने से बादल छंट गए हैं। इस वजह से धूप निकलने लगी है और तापमान में बढ़ोतरी होने लगी है। रविवार को उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बनने जा रहा है।दो दिन में इस मौसम प्रणाली के कम दबाव के क्षेत्र में बदलने की संभावना है। इसके असर से पांच सितंबर से पूर्वी मप्र एवं उससे लगे पश्चिमी मप्र के जिलों में वर्षा का सिलसिला शुरू हो सकता है। रुक-रुककर वर्षा का दौर चार-पांच दिन तक बना रह सकता है। इसके पूर्व तापमान बढऩे की वजह से शनिवार को शहडोल, सागर, नर्मदापुरम संभाग में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ वर्षा भी हो सकती है। बता दें कि मानसून की बेरुखी से धान, सोयाबीन, मूंग, उड़द आदि की फसल सूखने की स्थिति में आने लगी है। इस वजह से किसान काफी चिंतित हैं।

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